झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक प्राध्यापक पद पर मनोज कच्छप की नियुक्ति के एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया है। जेपीएससी की अपील खारिज करते हुए अदालत ने JPSC पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की खंडपीठ ने सुनाया। अदालत ने माना कि तकनीकी कारणों से फीस न पहुंचने के लिए उम्मीदवार दोषी नहीं है।
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जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक प्राध्यापक के पद पर एसटी उम्मीदवार मनोज कच्छप की नियुक्ति को लेकर पूर्व में सुनाए गए एकलपीठ के आदेश को सही बताते हुए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की अपील याचिका खारिज कर दी है।
साथ ही एकलपीठ के आदेश की अवमानना करने और छात्र को परेशान करने को लेकर जेपीएससी पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है।चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया। इससे पहले एकल पीठ ने मनोज कच्छप की नियुक्ति की अनुशंसा करने का आदेश जेपीएससी को दिया था।
एकल पीठ ने कहा था कि तकनीकी कारण से जेपीएससी के खाते में फीस की राशि नहीं पहुंची। इसके लिए उम्मीदवार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।पीठ ने कहा था कि मनोज कच्छप हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार साक्षात्कार दे चुका है और वह उस परीक्षा में अधिकतम अंक लाने वाला भी रहा है। इसलिए वह नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवार है।
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जुलाई 2018 में नागपुरी भाषा के लिए एसटी उम्मीदवारों के लिए बैकलाग वैकेंसी के तहत सहायक प्राध्यापक के चार पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था। मनोज ने भी आवेदन किया था।
दस्तावेजों की स्क्रूटनी में उसे 85 में से 72.10 अंक मिले, लेकिन इंटरव्यू लिस्ट जारी होने पर उसका नाम शामिल नहीं था। पता चला कि परीक्षा की फीस जमा नहीं करने के कारण आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया है।हालांकि, रिजेक्शन लिस्ट में उसका नाम शामिल नहीं था। इसके बाद मनोज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जहां एकल पीठ ने मनोज कुमार कच्छप को इंटरव्यू में शामिल कराने का निर्देश जेपीएससी को दिया। इसके बाद उसे इंटरव्यू में शामिल कराया गया।
इसका रिजल्ट 23 दिसंबर 2021 को जारी किया गया, लेकिन कोर्ट के आदेश के आलोक में एक पद पर रिजल्ट को रोक दिया गया। कोर्ट द्वारा रिजल्ट मांगे जाने पर जेपीएससी ने सीलबंद लिफाफे में मनोज कुमार कच्छप के अंक पेश किए थे।इसे देखने के बाद कोर्ट को पता चला कि मनोज परीक्षा में सबसे अधिक नंबर लाने वाला अभ्यर्थी था। जेपीएससी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मनोज द्वारा परीक्षा फीस ऑनलाइन जमा करते समय तकनीकी कारण से पेमेंट स्टेटस फेल हो चुका था और फीस की रकम जेपीएससी के बैंक खाते में नहीं जमा हो सकी थी। इसलिए उम्मीदवारी रद की गई थी।