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कुटुंबा प्रखंड के कुछ किसान धान की नर्सरी तैयार करने में लगे हैं। लेकिन साधन संपन्न किसान ही अभी इस काम में जुटे हैं। अधिकतर किसान बारिश और बेहतर नक्षत्र के इंतजार में भी हैं। जो लोग नर्सरी की तैयारी में है वे बताते हैं कि हर साल शुरू में ही नर्सरी तैयार करते हैं। सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण ज्यादातर किसान मानसूनी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में हुई हल्की बारिश के बाद कुछ किसानों ने खेतों की जुताई शुरू कर दी है लेकिन नर्सरी के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं है। नहरों में पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है और भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है। अधिकांश जगहों पर सतही मोटर भी काम नहीं कर रहे हैं। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने सुझाव दिया है कि लंबी अवधि की धान प्रजातियों की नर्सरी 10 जून तक तैयार कर लेनी चाहिए। इसके बाद मध्यम अवधि की प्रजातियां जैसे सोनम और राजेंद्र श्वेता की नर्सरी 10 से 15 जून के बीच लगाई जा सकती है। अल्प अवधि की प्रजातियों जैसे अर्द्धजल और सहभागी की नर्सरी 1 से 10 जुलाई के बीच तैयार करना बेहतर होगा। वहीं, सरकारी स्तर पर धान के बीज अभी उपलब्ध नहीं हैं। बीएओ प्रदीप कुमार ने बताया कि विभाग जल्द ही किसानों को बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर रहा है। जल्द ही किसानों के बीच बीज वितरण का काम शुरू कराया जाएगा। इधर बहुतेरे किसान सरकारी बीज की आसरा लगाए बैठे हैं। इसके लिए वे लगातार कृषि कर्मियों के संपर्क में भी हैं।